प्राचीन सभ्यता की अद्भुत रक्षा रणनीति का रहस्य है - “बेबीलोन की भूलभुलैया”

Jitendra Kumar Sinha
0



प्राचीन विश्व की समृद्ध और बुद्धिमान सभ्यताओं में बेबीलोन का नाम अत्यंत सम्मान के साथ लिया जाता है। यह सभ्यता केवल अपनी सांस्कृतिक उपलब्धियों, हम्मुराबी के कानून, ईश्तर गेट और हैंगिंग गार्डन जैसे चमत्कारी निर्माणों के लिए ही नहीं, बल्कि अपनी अद्भुत रक्षा तकनीकों के लिए भी प्रसिद्ध थी। इन्हीं में से एक था “नेबुकेदनेस्सर द्वितीय के महल की भूलभुलैया”, जिसे इतिहासकार प्राचीन विश्व की सबसे जटिल और रणनीतिक स्थापत्य रचनाओं में गिनते हैं।

नेबुकेदनेस्सर द्वितीय, जो बेबीलोन का सबसे शक्तिशाली और दूरदर्शी शासक माना जाता है, ने अपने महल की सुरक्षा को अत्यंत गंभीरता से लिया। महल के चारों ओर बनाई गई भूलभुलैया न केवल शानदार कलात्मकता का नमूना थी, बल्कि सुरक्षा की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण थी।

यह भूलभुलैया कई संकरे, घुमावदार और एक-दूसरे से जुड़े मार्गों से निर्मित थी। इसका उद्देश्य था आक्रमणकारी को भ्रमित करना, उसकी गति को धीमा करना और महल के मुख्य प्रवेश द्वार को सीधे पहुंच से बाहर रखना। शत्रु चाहे जितना भी प्रशिक्षित क्यों न हो, इस भूलभुलैया में प्रवेश करते ही दिशा-भ्रम का शिकार हो जाता है। कई जगहों पर मार्ग ऐसे बनाए गए थे कि वे वापस उसी बिंदु पर ले आते, जहाँ से यात्री चला था।

पुरातत्वविदों के अनुसार, इस भूलभुलैया के डिजाइन में केवल स्थापत्य कौशल ही नहीं, बल्कि गहरी मनोवैज्ञानिक रणनीति भी छिपी थी। रास्तों की ऊँचाई और चौड़ाई में परिवर्तन, अचानक आने वाले मोड़, बंद दीवारें और अंधीयुक्त गलियारे। इन सबका उद्देश्य था कि आक्रमणकारी अपने निर्णय लेने की क्षमता खो दे। जब तक दुश्मन उचित रास्ता खोजने में उलझा रहता, बेबीलोन के सैनिक हमले के लिए तैयार हो जाते थे।

भूलभुलैया का सबसे बड़ा रहस्य यह था कि उसके केंद्र में ही वास्तविक राजमहल स्थित था। महल की ओर जाने वाले मार्ग इतने छिपे और जटिल थे कि केवल राजपरिवार, सेनापति या विशेष संरक्षक ही उनके सही रास्तों को जानते थे। बाहरी व्यक्ति के लिए वहाँ पहुंचना लगभग असंभव था।

आज जब प्राचीन सभ्यताओं की ओर देखते हैं, तो यह भूलभुलैया बताती है कि बेबीलोन केवल एक सुंदर शहर नहीं था, यह रणनीतिक बुद्धिमत्ता, गणितीय योजना और स्थापत्य कला का ऐसा संगम था, जिसकी बराबरी करना आधुनिक युग में भी कठिन माना जाता है।

नेबुकेदनेस्सर द्वितीय के महल की यह भूलभुलैया केवल एक स्थापत्य चमत्कार नहीं था, बल्कि प्राचीन सुरक्षा विज्ञान का उत्कृष्ट उदाहरण था। यह दिखाता है कि कैसे प्राचीन सभ्यताएँ न केवल सुंदर निर्माण करता था, बल्कि उसका हर ढांचा गहन रणनीति और दूरदर्शिता का परिणाम होता था। यह भूलभुलैया आज भी मानव प्रतिभा, इंजीनियरिंग कौशल और सामरिक सोच का अद्भुत प्रतीक माना जाता है।



एक टिप्पणी भेजें

0टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें (0)

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Ok, Go it!
To Top